Prakriti ki God or Naye Samaj ka Ehsaas

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इन कविताओं को रुचिपूर्वक पढ़ने वाले पाठकों को उसी तरह का आनन्द मिलता है जैसा वो वास्तव में उन पलों को जीकर प्राप्त करते। दूसरे भाग पारिवारिक संवेदना के अंतर्गत पिता व मां पर लिखा गया है। तीसरे भाग में वर्तमान परिदृश्य को अंकित करते हुए सामाजिक विषयों की कविताएं हैं। चतुर्थ भाग में महापुरुष गौरव-गान की कविताएं हैं जो जीवन में अद्भुत प्रेरणा प्रदान करती हैं। अंतिम और पंचम भाग में जमाने से शिकायतें की गई हैं जो आधुनिक समाज में बहुत प्रासंगिक हैं।

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2 reviews for Prakriti ki God or Naye Samaj ka Ehsaas

  1. Rated 5 out of 5

    MANISH KUMAR SAINI

    A master piece of this category.
    I really want to enjoy this journey .
    Incredible Inspiration…..👌👌🌹💐

  2. Rated 5 out of 5

    Roshan Gurjar

    Lovely collection of poems

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