Short Stories
(2 customer reviews)
Mandronaamaa: Sansmrtiyon me ek gaaun
Rated 4.50 out of 5 based on 2 customer ratings
₹150.00
“मंडरोनामा” एक संस्मरण संग्रह है । यह पुस्तक ग्रामीण समाज के परिप्रेक्ष्य में व्याप्त मान्यताओं, कुरीतियों, और दुर्वयसनों पर अति प्रशंसनीय और प्रभावशाली प्रहार है । लेखक ने बड़े बेबाकी और सहजता से सरल शब्दों में पात्रों तथा घटनाओं का चित्रण किया है । संवेदनशीलता और मानवीय मूल्यों के प्रति लेखक का दृष्टिकोण स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है । प्रत्येक संस्मरण में अन्तर्निहित सन्देश जीवन के शाश्वत मूल्यों को प्रतिस्थापित करते हैं । जीवन और जगत की विडम्बनाओं को जिस सहजता से लेखक ने इस पुस्तक में उकेरा है वह अन्यत्र दुर्लभ है ।
Category: Short Stories
Kishor –
One of the best !
Yogendra Krishna –
यह पुस्तक कुछ किरदारों के माध्यम से सरल सहज शब्दों में खींची गई एक गांव की तस्वीर है। इसमें आप जहां एक तरफ ग्रामीण समाज में व्याप्त रूढ़ हो चुकी परंपराओं, अशिक्षा और अंधविश्वासों में सांस लेती महत्वाकांक्षाओं-लिप्साओं और विद्रूपताओं की झलक पाते हैं, वहीं ग्रामीण-कस्बाई जीवन और चरित्र की मनोवैज्ञानिक बारीकियों से भी रू-ब-रू होते हैं। लेखक ने इस संस्मरण में अपने गांव की तस्वीर प्रस्तुत करते हुए पूरी ईमानदारी, बेबाकी और सहजता के साथ चरित्रों के धूसर और सफेद को रेखांकित करने की कोशिश की है। किसी परिवेश या समाज का हिस्सा होते हुए उसमें व्याप्त विद्रूपताओं को तटस्थता के साथ रेखांकित करने में जिस दिलेरी, अंतर्दृष्टि और संवेदना की ज़रूरत होती है, उसकी झलक आप इसकी सहज-संप्रेषणीय भाषा और शिल्प में महसूस कर सकते हैं। यह अंतर्दृष्टि एक अन्तरप्रवाह की तरह यहां मौजूद है। शिल्प की यह सहजता और कतिपय आंचलिक पदों और संवादों का प्रयोग विवरण को अतिरिक्त प्रामाणिकता और आत्मीयता से लैस करते हैं।