Kalera Baas Ki Baatein

(7 customer reviews)

275.00

प्रस्तुत पोथी ‘कालेरा बास की बातें’ केवल कहानियों का एक संग्रह नहीं है, अपितु एक सम्पूर्ण जीवन दर्शन है। इस संग्रह में सम्मिलित सभी कहानियाँ वास्तविक घटनाएँ हैं। इसके कथानक और सभी पात्र जीवंत हैं, जिनमें से कुछ तो अभी भी वास्तविक दुनिया में जीवन की चुनौतियों से जूझ रहे हैं। वस्तुतः, यह विभिन्न संस्मरणों और कथानकों के पात्रों के जीवन-वृतांत का संग्रहण है।

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7 reviews for Kalera Baas Ki Baatein

  1. Manju Dev

    संग्रह का शीर्षक ‘कालेरा बास की बातें’ रखने के पीछे भी एक सुदृढ़ आधार है। इस कथा संग्रह की अधिकतर कथानकों और पात्रों का सम्बन्ध ‘कालेरा बास’ नाम के गाँव से है। चूरू क़स्बे की स्थापना और गढ़ निर्माण से पहले यहाँ कालेरा बाँस गाँव होता था जो आज भी डाबला सड़क के उत्तर में मालियों के मोहल्ले से लेकर नाडियों के कूऐं तक फैला हुआ है। अतः ऐतिहासिक आकर्षण होने के कारण भी इस नाम को पसंद किया गया है। सम्प्रति, कालेरा बास चूरू क़स्बे का एक मोहल्ला है।

  2. Manisha Chahar

    I’m from Kalers Baas. Really bahut Bhavuk kar dene wali real stories hai. Night me padho to rula deti hai.

  3. Manju Dev

    Best book

  4. Manisha Chahar

    Nice book for emotional and idealistic people.

  5. Rajkumar

    You will admire the book 😊😀

  6. Krishn

    Best storis Book for social psychology and values.

  7. Sanjay Kumar

    An excellent inspiration and motivational book in real life

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