Bhawna

(11 customer reviews)

249.00

इस पुस्तक में किसान, नर्स, हिंदुस्तान, जिंदगी तथा रिश्तों से जुड़ी हुई कई कविताएं शामिल है। इसमें से एक कविता “नर्स नहीं इंसानियत की मिशाल 21वी वार्षिक सम्मेलन आई. एस. पी. एन. में प्रकाशित हो चुकी है ये पंक्तियां आपके अंतरमन तक जाएगी और आपकी प्रतिक्रिया मुझ तक आएगी, जो मेरे लिये पारितोषिक होगी।

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11 reviews for Bhawna

  1. Vishwajeet kumar

    मनोरंजन करना कविता का प्रधान गुन है, जिससे वह मनुष्य के मन पर अपना प्रभाव जमाये रखता है। और मेरे समझ मे कविता की सबसे बड़ी खासियत यह होती है की यह बहुअर्थक होता है। जिसका अर्थ पढ़ने वाले कि सोच विचार एवम उसके बिवेक पर निर्भर भी करता है। और आप सबको ये चीज बखूवी देखने को मिलेगी। मुझे ये विस्वाश है कि इसमें कहि न कही आपकी अपनी मन की भाव भी देखने को मिलेगी।

  2. Jitendra Kumar Sinha

    Very good…. initiative..

  3. Abhishek

    Best ever poem for calm and balance mind.

  4. Rana kumar

    Awesome concept with heart touching feelings written by the writer, should be must reed everyone.

  5. Nishant kumar

    Nice

  6. Mukesh Ranjan jha

    Supav poem

  7. Angad Singh

    Good poem this is I hope it is goes to one of the best book of the poems keep it up

  8. Manjeet Singh

    Fabolous

  9. Manjeet Singh

    Nice

  10. Manjeet Singh

    Fabulous memories

  11. Manjeet Singh

    Nice Book 📖

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