Aur Bas Tum Mil Jaana
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संस्कृत का एक शब्द है, “विरह”। विरह का मतलब है किसी के याद में क्षीण होना, किसी के प्रेम में सम्मिलित हो जाना और अपना सब कुछ उस एक में समा देना। विरह वह है, जब आप जिससे प्रेम करते हों वह आपसे दूर हो, और उसके वियोग में जो भावनाएं आपके मन से निकलती हैं, जो तड़प, जो वेदना, जो बेबसी उससे दूर रहने में महसूस होती वही, शब्द वनके कविता के रूप में पन्नो पे उतरती है। अगर आप शीर्षक ध्यान से पड़ेंगे तो आप महसूस करेंगे की, जैसे वियोग में डूबा प्रेमी अपने प्रेम से मिलने की राह देखता है, उसी इंतज़ार की कहानी है “और बस तुम मिल जाना”। ये वह कवितायें है, भाव है जो किसी के इंतज़ार में और मिलने की आस में लिखी गयीं है। वैसे तो पढ़ने में ये सारी कविताएं एक सी लग सकती है, मगर हर कविता एक दूसरे से काफी अलग हैं। जब आपके सारे सवाल, जवाब, शिकायते बाते किसी एक व्यक्ति में सिमट के रह जाए। ये कभी न खत्म होने वाला इंतजार की कविताएं हैं।
Anchal Sharma –
Bahut hi badiya…sea of emotions and expressions , must read