Meri Kalam Se Meri Vichaar Yatra

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समय काल स्थिति परिस्थिति के रूप रंग श्रृंगार में मानव मन जब आह्लादित होता है अथवा संबंधो के जाल में जब मानव समाज समस्याओं के जकड़न से ग्रसित दिखने लगता है तो ऐसे हालात में झंकृत मनोमस्तिष्क में विचारों का प्रकटीकरण स्वभाविक हो आता है। प्रस्तुत पुस्तक में सामाजिक राजनीतिक शैक्षिक मनोवैज्ञानिक पहलुओं को रेखांकित करते हुए लेखक के चिन्तन से आप रू व रू होते हैं। बेहतर मानव समाज के निर्माण एवं सामाजिक समस्याओं का निदान एवं समाधान तलाशते हुए यह पुस्तक जनसामान्य के नजरिये की तरह चिंतन करते हुए आपकी जिज्ञासा का समाधान करने की दिशा में एक कदम है।

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