Bhasha Aur Sanskriti

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भारतवर्ष की एकता उसकी विविधताओं मे छिपी हुई है। भारत की एकता ही भारतीय संस्कृति की पहचान है। भारत एक बहुभाषी देश है। हिन्दी भाषा भारत की महान सामाजिक सांस्कृतिक एकता की परिचायक है। वैश्विक स्तर पर उसका भाषिक एवं सांस्कृतिक व्यक्तित्व अनेक बाधाओं एवं व्यवधानों के बावजूद विकासमान और वर्धमान है भारतीय भाषाओं के रूप में हिन्दी भाषा का अमूल्य योगदान रहा है। हिन्दी भाषा का सम्बन्ध जहां एक ओर भावनाओं से जुड़ा हुआ है, वही दूसरी ओर इसका सम्बन्ध सास्कृतिक आदर्शो से भी जुड़ा हुआ। मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा सहज ग्राह्य और संप्रेष्य तो होती ही है शिक्षार्थी पर अतिरिक्त भाषा का अनावश्यक रूप से दबाव भी नही होता है, उनकी सृजनात्मक प्रतिभा भी प्रबल होती है उसमे मौलिक सोच उत्पन्न होती है।

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